Beaches Lakshadweep

लाख द्वीपों से बना हुआ लक्षद्वीप, बिल्कुल लाखों में एक है

lakshadweep_0
Written by Pratik Dhawalikar

भारत के दक्षिण-पश्चिम किनारे पर स्थित लक्षद्वीप, मुख्य भूमि से दूर प्राकृतिक सौंदर्य, प्रदूषणमुक्त वातावरण, चारों ओर समुद्र और पारदर्शी समुद्री तल के लिए प्रसिद्ध है. भारत देश में लक्षद्वीप ही ऐसी जगह है जहां पर्यटक धरती की सुंदरता देखने के साथ-साथ लगून की रंगीन दुनिया में भी जा सकते हैं. नारियल के घने जंगल, जादुई लैगूनों, बहुत कम आबादी, टूना मछली के लिए दुनिया में मशहूर ये द्वीप समूह पर्यटकों की आवाजही पर काफी नियंत्रण होने की वजह से काफी अलग है. यहां के हर द्वीप से सूर्यादय और सूर्यास्त का रंगीन नजारा देखा जा सकता है. समूचा लक्षद्वीप जहां 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में बसा है, वहीं इसके द्वीपों के लैगूनों का क्षेत्रफल 4200 किलोमीटर से ज्यादा है. लक्षद्वीप द्वीप-समूह में कुल 36 द्वीप है लेकिन केवल 7 द्वीपों पर जनजीवन है. समस्त केन्द्र शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप सब से छोटा है.छोटेछोटे द्वीपों से बने लक्षद्वीप पहुंच कर सैलानी शांत, भीड़भाड़ से दूर, सुकून भरे वातावरण में पहुंच जाते हैं. वे सागर से आती लहरें, हरेभरे ऊंचे वृक्ष और रोमांच से भर देने वाले दृश्य में डूब जाते हैं. यहां कुदरत के ऐसेऐसे अद्भुत नजारे मिलते हैं कि बस देखते ही रह जाते हैं. आपको तैरना भले ही न आए, लेकिन आप स्कुबा डाइंग के जरिए सागर की तलहटी में हजारों किस्म की मछलियों, कोरल बस्तियों, कछुओं, आक्टोपस और दूसरे सम्रुन्दी जीवों के साथ कुछ समय बिता सकते है. लक्षद्वीप भारत के एकमात्र मूँगा द्वीप हैं. इन द्वीपों की श्रृंखला मूँगा एटोल हैं. यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को अपनी ओर खींच लेता है. अब केंद्र सरकार इन द्वीपों का पर्यटन की दृष्टि से तेजी से विकास कर रही है. लक्षद्वीप में बेहद ही खूबसूरत लगून और खूबसूरत समुद्री तट देखे जा सकते हैं..यहां का पानी इतना साफ़ होता है कि..आप आसानी से पानी की सतह को देख सकते हैं.

अगाती द्वीपअगत्ती द्वीप को लक्षद्वीप के प्रवेश द्वार के नाम से भी जाना जाता है. ये द्वीप इतना खूबसूरत है की अगर आप लक्षद्वीप आएं और यहाँ न घूमें तो आपकी यात्रा आधूरी होगी. यहां आपको प्रवाल भित्तियां और समुद्री हवा में झूमते नारियल के पेड़ बेहतरीन नजारा पेश करते हैं. अगट्टी द्वीप को लक्षद्वीप समूह का द्वार कहा जाता है. इस द्वीप के समुद्री तट भारत के सबसे अच्छे समुद्री तटों में शुमार हैं. हवाई जहाज से यहां पहुंचने में 2 घंटे का समय लग जाता है. यह द्वीप 7 किलोमीटर लंबा है. सब द्वीपों में लंबा होने के कारण ही यहां एअरपोर्ट बनाना संभव हो पाया, इसलिए इस द्वीप का अपना ही महत्त्व है.

कावाराती द्वीपकावाराती द्वीप लक्षद्वीप की राजधानी है. इस द्वीप का क्षेत्रफल 4.22 वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या 25 हजार से भी अधिक है, इसलिए भीड़भाड़ भी ज्यादा है. अगाती से कावाराती हैलीकौप्टर या शिप द्वारा आया जा सकता है. हैलीकौप्टर से 20-25 मिनट और शिप से यहां पहुंचने के लिए 6 घंटे लगते हैं. वर्षा ऋतु में मौसम खराब हो जाने पर शिप बंद कर दिए जाते हैं. पर्यटकों के लिए सभी सुखसुविधाओं से लैस गैस्ट हाउस यहां बने हुए हैं. यहां के खूबसूरत समुद्री किनारे पर्यटकों को लुभाते नजर आते हैं. यह द्वीप सबसे अधिक विकसित भी है. लक्षद्वीप के द्वीपों में कवराट्टी एक खूबसूरत लगून है. इस पूरे द्वीप में 52 खूबसूरत मस्जिदें भी हैं, जो समृद्ध प्राचीन भारतीय वास्तुकला के अद्भुत नमूने हैं. यहां के जलीय जीवन को प्रदर्शित करने वाला एक मरीन एक्वेरियम भी यहां है. यहां लोगों के आनेजाने का मुख्य साधन साइकिल लोकप्रिय है, इसलिए प्रदूषण की समस्या नहीं है. इस द्वीप की एक बड़ी खासीयत यह भी है कि बिजली आपूर्ति के लिए सोलर स्टेशन बनाया गया है. सड़कों पर सोलर लाइटें लगी हुई हैं. पीने के पानी के लिए घरघर में वर्षाजल संचित किया जाता है.

मिनीकाय द्वीपइस द्वीप पर रहने वाले लोगों की संस्कृति उत्तरी द्वीपों के लोगों से भिन्न है. इसका नाम मलिकु द्वीप भी है और इसे मलिकु एटोल के नाम से भी जाना जाता है. यह जगह पूरी तरह नारियल के पेड़ो से ढकी हुई सुंदर रेतीले स्थान पर छुट्टी मनाने का एक मजा ही अलग है. साथ ही यहां मिलाने वाला खाना भी बेहद लाजवाब है. इस द्वीप पर महत्वपूर्ण स्मारक के तौर पर 1885 में बना एक लाइटहाउस है. मालदीव के करीब होने के कारण यहाँ भिन्न संस्कृति के दर्शन होते हैं. मिनिकॉय नृत्य परंपरा के मामले में बेहद समृद्ध है. विशेष अवसर पर यहाँ लावा नृत्य किया जाता है. यहाँ खासकर तूना मछली का शिकार और नौका की सैर आनंददायी है. पर्यटकों के रुकने के लिए इस द्वीप पर कई कॉटेज भी बने हैं.

किल्टन द्वीप

फारस की खाड़ी और श्रीलंका के साथ व्यापार करने के लिए यह एक अंतर्राष्ट्रीय मार्ग के नाम से भी जाना जाता है. इस द्वीप की मिट्टी बहुत उपजाऊ होने के कारण यहां बहुत अधिक वनस्पतियां उगाई जाती हैं. यहां के समुद्री किनारे लोकनृत्यों के लिए प्रसिद्ध हैं.

कदमात

इस बीच के पश्चिम में खूबसूरत व उथला समुद्र होने के कारण वाटर स्पोर्ट्स के लिए यह बहुत उत्तम समुद्री किनारा है. यह धूप सेंकने के लिए आदर्श स्थान है. समुद्री संपत्ति के लिहाज से यह द्वीप बहुत समृद्ध है.

कल्पेनी द्वीप

यह द्वीप भी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. सब से पहले इस द्वीप पर लड़कियों को पढ़ाना शुरू किया गया था. वाटर स्पोर्ट्स, रीफ वौक, तैराकी जैसी सुविधाएं पर्यटकों के लिए यहां उपलब्ध हैं.

बंगारमबंगारम परिवार के साथ छुट्टियाँ मनाने के साथ साथ हनीमून मनाने के लिए भी एकदम परफेक्ट जगह है..यहां के समुद्र भी काफी साफ़ है साथ ही यहां आपको अन्य जगहों के मुकाबले की पर्यटकों की भी कम भीड़ देखने को मिलेगी..जिससे आप अपनी छुट्टियों को अच्छे से एन्जॉय कर सकते हैं. बंगारम में पर्यटक ढेर सटर स्पोर्ट्स का भी लुत्फ उठा सकते हैं..जिनमे कायाकिंग,फिशिंग, स्कूबा डाइविंग आदि शामिल है. अश्रु के आकार के इस निर्जन द्वीप पर शानदार समुद्र तट और सुंदर लैगून है. यह खूबसूरत द्वीप सभी परेशानियों और चिंताओं तनाव कम करने के लिए एक बहुत अच्छा अवसर देता है.इन द्वीपों पर जाना बहुत आसान नहीं है. तो जानिए यहां कैसे जा सकते है. पहले तो लक्षद्वीप के द्वीपों पर जाने के लिए पर्यटकों को पहले परमिट हासिल करना होता है. जिसके बाद पर्यटकों को कोच्चि से लक्षद्वीप जाने के लिए अनुमती मिलती है. इस यात्रा खर्च 500 से 1000 रुपए आता है. यह भारतीय सैलानी के लिए है. विदेशी पर्यटक के लिए 2000 रुपए तक लग जाते हैं.हवाई मार्ग से

इस केंद्रशासित प्रदेश में अगट्टी में एयरपोर्ट है. केरल के शहर कोच्चि (कोचीन) से नियमित उड़ानें लक्षद्वीप जाती हैं. कोच्चि में एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, जो भारत के करीब-करीब सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. अगट्टी और कोच्चि के बीच उड़ान का वक्त सिर्फ एक घंटा और 30 मिनट है. इन द्वीपों पर पहुंचने के लिए पवन हंस हेलिकॉप्टर सर्विस भी उपलब्ध है. अगट्टी से आप (क्षेत्र के एक महत्वपूर्म शहर) कवराट्टी और मानसून में बंगारम पहुंचने के लिए हेलिकॉप्टर सेवा ले सकते हैं.

समुद्री मार्ग सेलक्षद्वीप पहुंचने के लिए जहाज से यात्रा करना भी एक अच्छा विकल्प है. कोच्चि (कोचीन) से लक्षद्वीप के लिए कई यात्री जहाज जाते हैं. यह यात्रा 18 से 20 घंटे की है. इन जहाजों पर कई तरह की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं. हालांकि, मानसून के दौरान जहाज सेवा बंद रहती है. लक्षद्वीप क्रूज इन दिनों बहुत लोकप्रिय हो रहा है. पर्यटन इन खूबसूरत द्वीपों पर आय का एक मुख्य स्रोत है.

कब जाएँ 

अक्टूबर-नवंबर में यहाँ बारिश होती है और पानी के जहाज चलना बंद हो जाते हैं. फिर भी हेलिकॉप्टर के माध्यम से आप यहाँ जा सकते हैं. इन दिनों मौसम कुछ ठंडा हो जाता है लेकिन अन्य दिनों में गर्मी रहती है.

Leave a Comment

About the author

Pratik Dhawalikar

TheatreActor|Writer| Performer|Poet| Artist|Lyricist??I love my India and our mother EARTH.

5 Must-Read Books for Every Wanderer: Stories That Will Ignite Your Travel Spirit Planning a Monsoon Trip? Don’t Travel Without These in Your Backpack! 5 Best Places to Visit in June and July Outside India 5 Must-Do Monsoon Treks in India 5 Top Family Summer Vacation Spots in India