आंध्र प्रदेश: मानवनिर्मित और अनमोल प्राकृतिक आकर्षणों का अनोखा मिश्रण

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समूचे दक्षिण भारत में कला, संगीत, कविता और साहित्य का संचार हुआ है, जिस कारण आपको यहां के हर एक राज्य में एक साथ कई संस्कृतियों की झलक दिखाई देगी।  जैसे हम सभी को पता हैं की, भारत के दक्षिण में कुल मिलाकर 5 राज्य हैं और इन सभी राज्यों में एक राज्य हैं आंध्र प्रदेश, जो की कई धार्मिक तीर्थ केंद्रों का घर है, जिसके चलते आज यह राज्य धार्मिक पर्यटन का एक केंद्र बन चुका है। बता दें कि तिरुपति स्थित बालाजी मंदिर आंध्र प्रदेश का ‌सबसे प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं और इसके अलावा यहां भगवान वेंकटेश्वर का निवास, श्रीशैलम, श्री मल्लिकार्जुन का निवास, अमरावती का शिव मंदिर, यादगिरीगुट्टा, रामप्पा मंदिर, लेपाक्षी मंदिर साथ ही राज्य में नागार्जुन कोंडा, भट्टीप्रोलु, घंटशाला, नेलकोंडपल्ली, बाविकोंडा, तोट्लकोंडा, पावुरालकोंडा, शंकरम, फणिगिरि और कोलनपाका जैसी जगह है जहां पर बौद्ध केंद्र हैं। आंध्र प्रदेश भारत में सबसे ज्यादा यात्रा किया जाने वाला पर्यटन स्थल है। अनेक मंदिरों और वास्तुकला के नमूनों, समुद्र तटों और मनोरम स्थलों के कारण सैलानी आंध्र प्रदेश की ओर खिंचे चले आते हैं। यह राज्य मानवनिर्मित और अनमोल प्राकृतिक आकर्षणों का एक ऐसा अनोखा मिश्रण है, जिसे देखकर आप हक्के बक्के रह जाओगे। यह अनमोल खजाना देखकर, इसका अनुभव लेकर आपका जीवन सचमुच समृद्ध हो जाएगा। तो जानिए मानवनिर्मित और अनमोल प्राकृतिक आकर्षणों  बारे में:-

बोर्रा गुफाएं, बेलम गुफाएं

बोर्रा गुफाएं भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य में विशाखापट्नम के समीप पूर्वी घाट के अनंतगिरि पहाड़ियों में स्थित है। यह गुफाएं आरोही और अवरोही निक्षेप के लिए प्रसिद्ध हैं। यह गुफाएं दस लाख साल पुरानी हैं और समुद्र तल से 1,400 फीट की उंचाई पर करीब 2 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैली हैं।

इस गुफा का नाम गुफा के अंदर के एक गठन से पड़ा है, जो देखने में मानव मस्तिष्क जैसा लगता है, जिसे स्थानीय भाषा तेलुगू में बुर्रा कहा जाता है। इसी तरह, बेलम गुफाओं का गठन करोड़ों साल पहले चित्रावती नदी द्वारा चूना – पत्थर संग्रहों के कटाव द्वारा हुआ। बेलम गुफाएं मेघालय गुफाओं के बाद भारतीय उप महाद्वीप में दूसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफाएं हैं। 3229 मीटर लंबी इस गुफा में लंबे मार्ग, विशाल कमरे, ताजा पानी के प्रपात, लंबे गलियारे, विशाल कोठरियां, मीठे पानी के सुरंग, नालियां और साइफन हैं, जो कि इसे विश्व भर में पुरातात्विक और भूवैज्ञानिक आकर्षण का केन्द्र बनाते हैं।

अरकु घाटी

विशाखापट्नम से 112 किमी. की दूरी पर पूर्वी घाट में 3,100 फीट की उंचाई पर खूबसूरत अराकु वैली स्थित है। इस घाटी में रेल से यात्रा करने पर सुंदर झरने और 46 सुरंग और पुल यात्रियों का स्वागत करते हैं।

चारमीनार, हैदराबाद

चारमीनार आंध्र प्रदेश में पर्यटन का सबसे बड़ा आकर्षण है। शहर के संस्थापक मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने शहर के बीच में चैकोर आकार का यह विशाल भवन बनवाया था। ग्रेनाइट से बनी इसकी चार 48.7 मीटर ऊंचाई की मीनारें और उनके भव्य मेहराब के कारण इसका नाम चार मीनार है।

गोलकोंडा किला, हैदराबाद

यह भारत का सबसे मशहूर किला है और इसका नाम तेलगु शब्द ‘गोला कोंडा’ से बना है जिसका मतलब शेपर्ड हिल होता है। यह किला अपनी ध्वनिकी, महलों एवं कारखानों और शानदार जल आपूर्ति प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही इसकी फतेह रहबन तोप भी मशहूर है जो गोलकुंडा की अंतिम घेराबंदी के समय उपयोग की गई थी। कहा जाता है कि निजाम काल का अमूल्य कोहिनूर हीरा भी यहीं मिला था। किले की खास विशेषता यह है कि अगर किले के पहले राजद्वार पर ताली बजाएं तो इस की आवाज 41 मीटर ऊंचाई पर बने राजदरबार तक सुनाई देती है।

उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
यह भारत का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है और इसका निर्माण 1918 में हुआ था। इसका नाम हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान के नाम पर रखा गया था। इसकी इमारत शानदार है खासकर इसका कला काॅलेज का भवन इंडो अरबी वास्तुकला का आदर्श उदाहरण है। 

रामोजी फिल्म सिटी, हैदराबाद
हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित रामोजी फिल्म सिटी लगभग सौ एकड़ में फैला है। यह विश्व का सबसे व्यापक पेशेवर फिल्म उत्पादन केन्द्र है।

सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद
यह विश्व का सबसे बड़ा एकल व्यक्ति प्राचीन वस्तु संग्रह है। यह संग्रह मीर युसुफ अली खान सलार जंग ने किया है। इस संग्रहालय में फ़ारसी कालीन, मुगल लघुचित्र, चीनी मिट्टी के बरतन, जापानी लाह के बर्तन, वील्ड रेबेका, मार्गरेट और मेफीसटोफेल्स की प्रतिमाएं महारानी नूरजहां, शाह जहां और राजा जहांगीर के खंजर, औरंगजेब की तलवार और अन्य प्राचीन वस्तुएं का खजाना आपको देखने को मिलेगा।

निजाम संग्रहालय, हैदराबाद
इस संग्रहालय में आखिरी निजाम को सन् 1937 में रजत जयंती समारोह में भेंट में मिले कई तोहफे और स्मृति चिन्ह रखे हैं। इस शानदार संग्रह में 1930 रोल्स रायस, पैकार्ड और मार्क वी जैगुआर और अन्य विंटेज कारें हैं। शहर की सभी प्रमुख इमारतों के चांदी के माॅडल का भी दिलचस्प संग्रह है। रजत जयंती समारोहों में उपयोग किया जाने वाला सोने का चमकदार सिंहासन, हीरे जडि़त सोने का डब्बा, जयंती परिसर का सोने का माॅडल, चांदी के हाथी के साथ चांदी का महावत और अन्य वस्तुएं भी यहां मौजूद हैं।

तिरुमाला तिरुपति,

भगवान वेंकटेश्वर का यह निवास स्थान, दुनिया का दूसरा सबसे समृद्ध और सबसे प्रसिद्ध धार्मिक मंदिरों में से एक है।  हर साल यहाँ ब्रह्मोत्सव का भी आयोजन किया जाता है, जिसमे तक़रीबन 5,00,000 से भी ज्यादा भक्त हिस्सा लेते है।


थिम्माम्मा मर्रिमाणु

यहां दुनिया का सर्वोच्च बरगद का वृक्ष है और 1989 में इस वृक्ष को गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया। इस पेड़ की शाखाए तक़रीबन 5 एकर में फैली है। यह वृक्ष कादिरी से 35 किलोमीटर और अनंतपुर से 100 किलोमीटर की दुरी पर है।

पुलिकेट झील

आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु की सीमा पर बनी हुई है, यह झील 500 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र घेरे हुए है। यह भारत की दूसरी विशालतम खारे पानी की झील है।

उप्पलापडू पक्षी अभयारण्य

गुंटूर जिले में बने इस अभयारण्य में तक़रीबन 8000 प्रकार के पक्षी है। साथ ही अक्टूबर से जनवरी के समय में दुसरे देशो से आए निवासी पक्षियों को भी हम देख सकते है। साथ ही राज्य में भारत का सब से बड़ा व सुंदर ‘नेहरू जूलोजिकल पार्क’ स्थित है. 300 एकड़ में फैले इस पार्क में 3 हजार से भी ज्यादा पशुपक्षियों की प्रजातियां हैं।

समुद्र तट

विशाखापट्टनम में सुनहरा समुद्र तट है। यहां आकर्षण के मुख्य केन्द्रों में सबमरीन म्यूजियम, यराडा समुद्र तट और वुड़ा पार्क भी शामिल है। बच्चे हों या बड़े या फिर हनीमून कपल्स, सभी यहां आ कर पर्यटन का लुत्फ उठा सकते हैं।सुर्यलंका समुद्र तट APTDC द्वारा एक विकसित रिसोर्ट है। ठंडी हवाओं से भरे समुद्र के किनारे पर एक रामकृष्ण बीच है, जहां सैर करते समय आप का रोमरोम प्रफुल्लित हो जाएगा। यहां नौसेना का सबमैरिन म्यूजियम भी दर्शनीय है। अगर आप को ट्रैकिंग, जलक्रीड़ाओं, विंड सर्फिंग का आनंद लेना है तो आप विशाखापट्टनम से 8 किलोमीटर दूर ऋषिकोंडा जा सकते हैं। पर्यटन विभाग की ओर से यहां ठहरने की उचित व्यवस्था की गई है।

भगवान बुद्ध की प्रतिमा, हैदराबाद

हुसैन सागर झील के शांत पानी में भगवान बुद्ध की 72 फीट उंची और 450 टन वजनी और सबसे लंबी अखंड प्रतिमा स्थापित है। 200 शिल्पकारों ने इसे 2 साल की मेहनत से सफेद ग्रेनाइट की चट्टान से बनाया है। इस मूर्ति को 12 अप्रेल 1992 में स्थापित किया गया था। इससे जुड़ा एक लुम्बिनी पार्क भी है। नाव से बुद्ध की इस मूर्ति को देखने जाना एक यादगार अनुभव है। साथ ही राज्‍य में 13 प्रतिष्ठित तेलुगु व्‍यक्तियों की मूर्तियां हैदराबाद की हुसैन सागर झील के टैंक बंड में लगाई गई हैं।

कैसे पहुंचें:-
हवाईजहाज से
आंध्र प्रदेश में एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो कि राजधानी हैदराबाद शहर में है। अन्य महत्वपूर्ण हवाई अड्डे तिरुपति, राजमुंदरी, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम में हैं। कई विमान सेवाएं आंध्र प्रदेश से और आंध्र प्रदेश तक भारत के अन्य राज्यों और प्रमुख शहरों से नियमित उड़ानें उपलब्ध करवाती हैं।

रेल से
लगभग 5085 किलोमीटर का रेल मार्ग आंध्र प्रदेश में है, जिसमें से 4362 किलोमीटर ब्राड गेज, 686 किलोमीटर मीटर गेज और 37 किलोमीटर छोटी लाईन है। राजधानी हैदराबाद के प्रमुख रेलवे स्टेशन पर देश भर से रेलें आती हैं जिससे यह भारत के सभी राज्यों से जुड़ा रहता है।

सड़क से
आंध्र प्रदेश राज्य से लगभग 4104 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरता है। राज्य राजमार्गाें की लंबाई करीब 60000 किलोमीटर है और इसके साथ ही 1,04,000 किलोमीटर का पंचायती राज सड़क नेटवर्क है। आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें नियमित तौर पर राज्य से देश के अन्य राज्यों और प्रमुख शहरों तक जाती हैं। सैलानी राज्य तक आने के लिए निजी टैक्सी या कैब भी किराए पर ले सकते हैं।

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